गाजा तट की ओर बढ़ रहे “फ्रीडम फ्लोटिला” के मैडलीन जहाज का संपर्क टूट गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायली नौसेना ने जहाज पर छापा मारा. 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत 12 लोग इस जहाज पर सवार हैं, जो मिस्र से 100 किमी दूर गाजा की ओर बढ़ रहा था.
ग्रेटा ने कहा था, “इंसानियत की उम्मीद बाकी है तो फिलिस्तीन के लिए आवाज उठानी होगी. यह मिशन खतरनाक है, लेकिन गाजा के हालात पर चुप्पी और भी बदतर है.”
“हम गाजा के लोगों के लिए मरने को तैयार”
इजरायल की गोली मारने की धमकी के जवाब में ग्रेटा और उनके साथियों ने कहा, “हम गाजा के 23 लाख लोगों के लिए मरने को तैयार हैं, जो भूख-प्यास से जूझ रहे हैं.”
इजरायल ने मार्च 2025 से गाजा में राहत सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है. मैडलीन का उद्देश्य इन लोगों तक मदद पहुंचाना है. दरअसल, 2007 में हमास के नियंत्रण के बाद से इजरायल ने गाजा की समुद्री, हवाई और स्थलीय सीमाओं को सील कर रखा है, जिसके तहत बिना अनुमति कोई जहाज गाजा तट तक नहीं पहुंच सकता.
इजरायल क्यों नहीं दे रहा अनुमति?
इजरायल का मानना है कि मैडलीन जैसे जहाजों को अनुमति देने से समुद्री प्रतिबंध कमजोर पड़ सकते हैं। यदि इजरायल सैन्य कार्रवाई करता है, तो वह वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ सकता है, और फिलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाले देशों की संख्या बढ़ सकती है.
ड्रोन के जरिए जहाज पर डाला गया सफेद केमिकल
अल जजीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मैडलीन जहाज पर एक तरह का सफेद पदार्थ डाला गया है. गाजा फ्रीडम फ्लोटिला का समर्थन करने वाले इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी मूवमेंट के सह-संस्थापक हुवैदा अराफ का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस सफेद पदार्थ से सभी की आंखों में जलन होने लगी. इससे पहले, मैडलीन के ऊपर दो ड्रोन मंडराते नज़र आए थे, जिन्होंने जहाज पर ये केमिकल गिराया था.
-कुमार