बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में करीब 7 साल बाद बड़ा फैसला आया है। बुलंदशहर की एडीजे कोर्ट-12 ने शुक्रवार को 2018 में हुई हिंसा के सभी 38 दोषियों को सजा सुना दी है। बुलंदशहर एडीजे कोर्ट-12 के जज गोपाल की अदालत ने फैसले में कहा कि इस मामले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के दोषी 5 लोगों को उम्रकैद की सजा दी गई है।
इसके अलावा अन्य 33 दोषियों को बलवा, जानलेवा हमला और हिंसा से जुड़े अन्य अपराधों में 7 साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इससे पहले 30 जुलाई 2025 को इन सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इसके बाद आज यानी 1 अगस्त को सजा का ऐलान किया है।
मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा :रजनी सिंह
इस मामले में अदालत के फैसले के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने इंसाफ दिया है, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि इंस्पेक्टर हत्याकांड के दोषियों को और सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
कोर्ट ने अपना काम किया है। लेकिन जिन लोगों ने मेरे पति की हत्या की, उन्हें उम्रकैद के बजाय फांसी जैसी कड़ी सजा मिलती, तो शायद दिल को सुकून मिलता। उन्होंने आगे कहा कि हमने लंबी लड़ाई लड़ी है और हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा। दोषी अगर हाईकोर्ट जाएंगे तो हम भी इस मामले में इंसाफ के लिए अंत तक लड़ाई लड़ेंगे।
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क्या है पूरी घटना
बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में तीन दिसंबर 2018 को घटित हिंसा ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। यह घटना उस समय हुई जब इलाके में कथित गोहत्या की सूचना फैलते ही माहौल तनावपूर्ण हो गया और देखते ही देखते भीड़ हिंसक हो उठी। इस दौरान हालात को काबू में करने के लिए मौके पर पहुंचे पुलिस बल पर उपद्रवियों ने पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। हिंसा में स्याना कोतवाली के एसएचओ सुबोध कुमार सिंह को गंभीर गोली लगने से मौत हो गई। इसी घटना में इसी हिंसा में सुमित की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए बुलंदशहर पुलिस ने गोकशी के आरोप में दस आरोपियों पर केस दर्ज किया था।
पुलिस ने हिंसा भड़काने और तीन लोगों की हत्या के आरोप में 44 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसमें से 5 लोगों की मुकदमे के दौरान ही मौत हो गई। वहीं एक आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसे जेल से छूट गया था। इसके बाद पुलिस ने सभी 44 आरोपियों को जेल भेजा था। जिनमें से 4 आरोपी अब भी जेल में हैं, जबकि 34 अन्य जमानत पर बाहर थे।
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