राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाए जाने पर निर्वाचन आयोग ने पलटवार किया । आयोग ने कहा है कि अगर उनके लगाए गए आरोप ठीक हैं तो वो शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें। अगर राहुल गांधी को लगता है कि वो सही हैं तो फिर उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। साथ ही आयोग ने कहा कि जो नाम मतदाता सूची में गलत तरीके से हटाए या जोड़े गए हैं, उनकी लिस्ट वो दें।
बेतुके आरोपों’’ पर विश्वास नहीं
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि राहुल गांधी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो इसका मतलब होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण और उससे निकले निष्कर्षों एवं ‘‘बेतुके आरोपों’’ पर विश्वास नहीं है तथा ऐसी स्थिति में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
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राष्ट्र से माफी मांगें
चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, ‘उनके पास दो विकल्प हैं। या तो घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या चुनाव आयोग के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने के लिए राष्ट्र से माफी मांगें। साथ ही राहुल गांधी ने कभी भी खुद से साइन किया हुआ कोई लेटर नहीं भेजा है। हम जो भी जवाब देते हैं वो अन्य संस्थाओं को होता है और हर बार वो उससे मुकर जाते हैं।
मतों की चोरी
आपको बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने आरोप लगाए है कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जिसमें 11,965 ‘डुप्लीकेट’, मतदाता, 40,009 फर्जी एवं अमान्य पते वाले मतदाता, 10,452 ‘बल्क’ या बड़ी संख्या में एक ही पते पर पंजीकृत मतदाता, 4,132 फर्जी फोटो वाले मतदाता और 33,692 नए मतदाता के प्रपत्र छह का दुरुपयोग करके जोड़े गए मतदाता शामिल हैं।
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