सिरोही जिले के पिंडवाड़ा उपखंड अंतर्गत भूला गांव में हुए गमेती समाज के प्रसादी कार्यक्रम में चूरमा-बाटी खाने से 39 बच्चों सहित 50 लोग बीमार हो गए। परिजन सभी बीमार लोगों को समीपवर्ती रोहिड़ा और सरूपगंज कस्बों में लेकर पहुंचे, जहां उनका इलाज किया गया।
जानकारी के अनुसार, भूला गांव में गमेती समाज की ओर से प्रसादी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें चूरमा-बाटी का प्रसाद बनाया गया था। इसे खाने के बाद 39 बच्चों सहित 50 लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी। तबीयत बिगड़ने पर इस परिजन उन्हें निजी वाहनों से रोहिड़ा और सरूपगंज के सरकारी व निजी अस्पतालों में लेकर पहुंचे और सभी को भर्ती करवाया, जहां उनका इलाज किया गया। एक साथ इतने लोगों के बीमार होने की सूचना मिलने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और प्रसादी के सैंपल लिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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बच्चों को गोद में और बड़ों को खाट पर वाहनों तक लाना पड़ा
गमेती समाज का यह प्रसादी कार्यक्रम भूला गांव के दुर्गम क्षेत्र में आयोजित किया गया था। ऐसे में वहां तक वाहनों को ले जाना संभव नहीं था। जैसे ही प्रसादी ग्रहण करने वाले लोगों की तबीयत बिगड़ी, परिजन बच्चों को गोद में और बड़ों को खाट पर लिटाकर वाहनों तक लेकर आए। इस दौरान उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
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मिलावट की शिकायतें बढ़ें
जिले में बीते लंबे समय से घी, तेल एवं अन्य खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर शिकायतों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागीय अधिकारी सख्ती से कार्रवाई करने के बजाय त्योहारी सीजन में औपचारिकता निभाकर ही संतुष्ट हो जाते हैं। विभागीय टीम जब मौके पर पहुंचती है तो उन्हें स्थिति की पूरी जानकारी होती है, लेकिन सैंपलों के फेल होने के बावजूद दोषियों के विरुद्ध विभागीय प्रशासन अक्सर मेहरबानी वाला रवैया अपनाता है। ऐसे में आमजन को ही खामियाजा भुगतना पड़ता है।

