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Friday, July 4, 2025

भारत आदिवासी पार्टी के विधायक को ACB ने किया गिरफ्तार! 20 लाख रिश्वत लेते पकड़े गए, राजस्थान के इतिहास का पहला मामला

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राजकुमार रोत के विधायक को ACB ने किया गिरफ्तार! 20 लाख रिश्वत लेते पकड़े गए, राजस्थान के इतिहास का पहला मामला
राजस्थान में राजकुमार रोत की भारत आदिवासी पार्टी (BAP) विधायक जयकृष्ण पटेल पर ACB ने शिकंजा कसा है. एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरे ने जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में अरेस्ट गिरफ्तार किया है. BAP विधायक पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा में तीन सवाल छोड़ने के 20 लाख रुपये लिए38 वर्षीय जयकृष्ण पटेल राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा सीट से पहली बार के विधायक बने हैं. लोकसभा के साथ हुए विधानसभा उपचुनाव में जनता ने उन्हें जीत दिलाई थी. राजस्थान के इतिहास में यह पहला मामला है जब एसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप में एक विधायक को गिरफ्तार किया है. इस बात की जानकारी एसीबी के डायरेक्टर जनरल रवि प्रकाश मेहरदा ने दी है.


20 लाख लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए थे विधायक
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि जयकृष्ण पटेल ने विधानसभा में खदानों पर सवाल न करने के लिए 10 करोड़ रुपये की डिमांड रखी थी. दावा है कि 2.5 करोड़ रुपये में यह डील फाइनल हुई. शिकायतकर्ता ने पहले विधायक को एक लाख रुपये दिए. इसके बाद विधायक आवास में 20 लाख रुपये लेते हुए एसीबी उन्हें पकड़ लिया गया. एसीबी का कहना है कि विधायक ने 20 लाख रुपये कैश वाला बैग एक आदमी को थमाया था, जो उसे लेकर भाग गया है. अब एसीबी के अधिकारी विधायक से पूछताछ कर उस आदमी को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं.


एसीबी के डीजी का दावा है कि बाप विधायक जयकृष्ण पटेल के खिलाफ ऑडियो और वीडियो दोनों सबूत हैं, जो उनपर लगे आरोप साबित करने के लिए काफी हैं.


राजकुमार रोत ने कही कार्रवाई की बात
भारत आदिवासी पार्टी के प्रमुख राजकुमार रोत का कहना है कि अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो पार्टी विधायक जयकृष्ण पटेल के खिलाफ कार्रवाई करेगी. फिलहाल, इसपर कुछ कहना ठीक नहीं होगा. ऐसा भी हो सकता है कि यह बीजेपी सरकार की साजिश हो. हम मामले में जांच कर रहे हैं और पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार मामले में जयकृष्ण पटेल की भूमिका है कि नहीं. इसके बाद पार्टी उचित एक्शन लेगी.


जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से चार पर बीएपी के विधायक हैं. डीजी ने दावा किया है कि विधानसभा स्पीकर को इस बात की जानकारी दी जा चुकी थी और उनकी अनुमति के बाद योजनाबद्ध तरीके से विधायक को रंगे हाथ पकड़ा गया है.


विधायक को पकड़ने के लिए एसीबी का प्लान
बताया जा रहा है कि बाप विधायक ने शिकायतकर्ता खदान मालिक की खदानों को लेकर तीन सवाल पेश किए थे. ये खदानें बागीदौरा विधानसभा में नहीं आतीं. आरोप है कि विधायक जयकृष्ण पटेल इस बात पर जोर दे रहे थे कि शिकायतकर्ता 20 लाख रुपये लेकर बांसवाड़ा आए, लेकिन उसने विधायक को जयपुर आने के लिए मना लिया. इसके बाद जयकृष्ण पटेल ने शिकायतकर्ता को फोन कर विधायक आवास आने को कहा और फिर एसीबी की टीमें सक्रिय हो गईं.


सचिन पायलट की भी आई प्रतिक्रिया
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है. यह जरूरी है कि हम साफसुथरी राजनीति करें. विधायकों को लेकर सामने आए ऐसे मामले जनता का विश्वास उठा देते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.


वहीं, सचिन पायलट का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों को राजनीतिक हथियार भी बनाए हुए है. यह बात साबित हो चुकी है. ईडी, आईटी और सीबीआई को खुली छूट दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ईडी के मामलों में दोषसिद्धि का दर केवल एक फीसदी है. ऐसे में यह जरूरी है कि निष्पक्ष जांच हो.

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